CURRENT AFFAIRS SET – 13: 7.scientific perspective (वैज्ञानिक परिदृश्य )
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7. वैज्ञानिक परिदृश्य
रक्षा विज्ञान
ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण
⇒ भारतीय नौसेना ने 5 मार्च, 2022 को अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का लंबी दूरी तक जमीन पर सटीक हमले का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
⇒ ब्रह्मोस मिसाइल और आईएनएस चेन्नई दोनों का देश में ही निर्माण हुआ और इन्होंने अत्याधुनिक भारतीय मिसाइल तथा जहाज निर्माण कौशल का प्रदर्शन किया। इससे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की पहलों में भारतीय नौसेना के योगदान को मजबूती मिलती है।
भारत को फ्रांस से तीन और राफेल फाइटर जेट मिले
⇒ भारत के विशिष्ट संवर्द्धन के साथ फ्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमान भारत को प्राप्त हुए ।
⇒ तीन जेट विमानों के इस नए आगमन के साथ भारतीय वायु सेना (IAF) के साथ कुल राफेल बेड़े 35 हो गई है।
⇒ 36वां और अंतिम विमान मार्च-अप्रैल 2022 तक फ्रांस से भारत पहुंचेगा जो एक प्रशिक्षक विमान होगा।
⇒ पांच राफेल विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई 2021 को भारत पहुंची थी।
टैंक-रोधी हथियार ‘एटी-4’
⇒ स्वीडन की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी ‘ साब’ (Saab) ने 20 जनवरी, 2022 को भारतीय सशस्त्र बलों को टैंक-रोधी हथियार ‘एटी – 4’ (AT4) की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध किया है।
⇒ भारतीय सशस्त्र बल एटी-4 के नए ग्राहक हैं। इस आदेश में AT4CS AST शामिल है, जिसे अंदर की इमारतों, बंकरों और अन्य शहरी परिवेशों जैसे सीमित स्थानों से दागा जा सकता है। वजन लगभग 9 किग्रा. है और इसकी प्रभावी सीमा 200 मीटर है।
फिलीपींस ने दी ब्रह्मोस मिसाइल के समझौते को मंजूरी
⇒ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के लिए पहले निर्यात आदेश में फिलीपींस ने 14 जनवरी, 2022 को भारत से मिसाइल के तट-आधारित जहाज – रोधी संस्करण की खरीद के लिए 374.96 मिलियन डॉलर के अनुबंध को मंजूरी दी।
⇒ ब्रह्मोस की परिकल्पना 2017 की शुरूआत में की गई थी और फिलीपींस के राष्ट्रपति कार्यालय ने 2020 में ‘ हॉरिजन 2 प्रायरिटी प्रोजेक्ट्स’ में इसके समावेश को मंजूरी दी थी।
आईएनएस खुकरी
⇒ स्वदेश निर्मित मिसाइल कार्वेट में से पहले जहाज ‘ आईएनएस खुकरी’ (INS Khukri) को 23 दिसंबर, 2021 को 32 साल की शानदार सेवा के बाद सेवामुक्त कर दिया गया। जहाज का विदाई समारोह विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया।
⇒ कार्वेट को 23 अगस्त, 1989 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित किया गया था और इसे पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े का हिस्सा होने का गौरव प्राप्त था।
आईएनएस विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना में शामिल
⇒ पी 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम को 21 नवम्बर, 2021 को नेवल डॉकयार्ड, मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
⇒ इसे नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा निर्मित विशाखापत्तनम श्रेणी के चार में से पहले विध्वंसक को नौसेना में शामिल किया गया।
भारत का पहला डिस्ट्रॉयर जहाज
⇒ 28 अक्टूबर, 2021 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने भारतीय नौसेना को ‘प्रोजेक्ट 15B क्लास डिस्ट्रॉयर विशाखापत्तनम’ का पहला जहाज डिलीवर किया।
⇒ यह भारत में निर्मित सबसे बड़े डिस्ट्रॉयर में से एक है। इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और विस्थापन लगभग 7,500 टन है।
अग्नि-5 का सफल परीक्षण
⇒ भारत ने 27 अक्टूबर, 2021 को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया।
⇒ इस मिसाइल को ओडिशा तट के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया।
⇒ यह मिसाइल तीन चरणों वाले ठोस ईंधन वाले इंजन का उपयोग करती है, जो बहुत उच्च सटीकता के साथ 5000 किमी. की सीमा तक के लक्ष्यों को मार सकती है।
⇒ अग्नि-5 मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने किया है।
INS विक्रांत का दूसरा समुद्री परीक्षण
⇒ भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत का 24 अक्टूबर, 2021 को दूसरा समुद्री परीक्षण किया गया।
⇒ इसका पहला समुद्री परीक्षण अगस्त 2021 में पूरा हुआ था ।
⇒ आईएनएस विक्रांत एक 44,000 टन का कैरियर है, जिसे 23,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसे केरल के कोच्चि में सरकारी स्वामित्व वाले कोचीन शिपयार्ड में बनाया गया है।
‘अभ्यास’ का सफल परीक्षण
⇒ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने 22 अक्टूबर, 2021 को ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से ‘अभ्यास’ नामक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
⇒ ‘अभ्यास’ हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का इस्तेमाल कई मिसाइल सिस्टम के मूल्यांकन के लिए किया जा सकता है । अभ्यास को DRDO के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE), बेंगलुरू द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
⇒ यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है, जिससे विमान सबसोनिक गति से लंबी उड़ान भर सकता है।
भारतीय तटरक्षक जहाज सार्थक
⇒ भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक के. नटराजन ने 28 अक्टूबर, 2021 को स्वदेशी रूप से निर्मित भारतीय तटरक्षक जहाज ‘सार्थक’ को कमीशन किया।
⇒ इस जहाज की कमीशनिंग भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है। ICGS सार्थक गुजरात के पोरबंदर में स्थित होगा।
MH-60 ‘रोमियो’ मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर
⇒ भारतीय नौसेना अपने मल्टी-रोल हेलीकॉप्टरों का पहला सेट प्राप्त करेगा। जुलाई में संयुक्त राज्य अमेरिका ने तीन MH-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों को बल को सौंपेगा। भारतीय पायलटों का पहला जत्था भी हेलीकॉप्टरों के प्रशिक्षण के लिए अमेरिका पहुंच गया है, जो 2022 जुलाई में भारत पहुंचेगा ।
⇒ प्रक्रिया को तेज करने के लिए सरकारों के बीच सौदे पर फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत भारत और अमेरिका ने 2020 में लॉकहीड मार्टिन से 24 एमएच – 60 रोमियो हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 16,000 करोड़ रुपये से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
जहाज सजग को कमीशन किया गया
⇒ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारतीय तटरक्षक अपतटीय गश्ती पोत सजग को कमीशन किया। इसका निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है।
⇒ सजग पांच अपतटीय गश्ती जहाजों की शृंखला में तीसरा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ विजन के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है।
नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल आकाश – एनजी
⇒ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने 21 जुलाई, 2021 को ओडिशा के तट के करीब एकीकृत परीक्षण रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल ‘आकाश – एनजी’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
⇒ हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए उच्च स्तरीय गतिशीलता: भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ावा ।
सबसोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण
⇒ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने 24 जून, 2021 को ओडिशा के बालासोर के चांदीपुर में एक एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से सबसोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का सफल परीक्षण किया।
⇒ यह मिसाइल की आठवीं परीक्षण उड़ान थी। निर्भय की पहली टेस्ट फ्लाइट 12 मार्च, 2013 को हुई थी।
⇒ निर्भय एक लंबी दूरी की, हर मौसम में मार करने वाली, सबसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। इसकी मारक क्षमता करीब 1500 किलोमीटर है।
Agni Prime बैलिस्टिक मिसाइल
⇒ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ओडिशा, बालासोर के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु- सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि पी’ (प्राइम) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया।
⇒ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अधिकारियों के अनुसार, अग्नि-प्राइम मिसाइलों की अग्नि श्रेणी का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है।
⇒ यह एक कनस्तरीकृत सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किमी के बीच है।
पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण
⇒ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेश में विकसित पिनाका रॉकेट के विस्तारित – रेंज संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
⇒ रॉकेट को ओडिशा के तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) में एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) से लॉन्च किया गया।
⇒ पिनाका रॉकेट सिस्टम का उन्नत रेंज संस्करण 45 किमी तक की दूरी पर लक्ष्य को नष्ट कर सकता है। 25 उन्नत पिनाका रॉकेट विभिन्न रेंज लक्ष्यों के खिलाफ त्वरित उत्तराधिकार में लॉन्च किए गए।
ALH MK III उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर
⇒ भारतीय नौसेना ने अपने बेड़े में स्वदेश निर्मित तीन उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ALH MK – III शामिल किए।
⇒ विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना स्टेशन (INS) डेगा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग समुद्री टोही और तटीय सुरक्षा के लिए किया जाएगा।
⇒ ये हेलीकॉप्टर आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो- ऑप्टिकल उपकरणों से लैस हैं। यह उन्हें रात में भी खोज और बचाव कार्य करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS करंज
⇒ भारतीय नौसेना को अपनी तीसरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी प्राप्त हुई, जिसे मुंबई में प्रोजेक्ट पी-75 के आईएनएस करंज (INS Karanj) के रूप में कमीशन किया गया।
⇒ मझगांव डॉक लिमिटेड, भारतीय नौसेना की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने की योग्यता और क्षमता वाले भारत के अग्रणी शिपयार्ड में से एक है।
⇒ करंज से पहले, आईएनएस कलवरी और आईएनएस खंडेरी को क्रमश: 2017 और 2019 में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया।
DRDO और CUJ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
⇒ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), रक्षा मंत्रालय और जम्मू के केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) ने यूनिवर्सिटी में कलाम सेंटर फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (KCST) की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया।
⇒ इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य चिह्नित अनुसंधान कार्यक्षेत्रों यानि कम्प्यूटेशनल सिस्टम सिक्योरिटी और सेंसर में बहु-विषयक निर्देशित बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को शुरू करना और सुविधा प्रदान करना है।
कॉम्बैट Kh35E एंटीशिप मिसाइल
⇒ 31 जनवरी, 2021 को भारतीय नौसेना द्वारा कॉम्बैट Kh35E एंटीशिप मिसाइल का परीक्षण किया गया।
⇒ इन मिसाइलों को भारतीय नौसेना के विमान इल्यूशिन 38SD दागा गया। मिसाइलों ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य डमी युद्धक पोत को भेदकर इसे समुद्र में डुबो दिया। मिसाइलों का यह परीक्षण (TROPEX-21) के तहत किया गया।
⇒ इल्यूशिन या IL38- SD रूस द्वारा विकसित एक एंटी सबमैरीन समुद्री पेट्रोल एयरक्राफ्ट है।
⇒ IL38 SD विमान इल्युशिन IL -18 मालवाहक विमान का उन्नत वर्जन है।
⇒ इसका इस्तेमाल सर्विलांस, खोजी और बचाव अभियानों के अलावा पनडुब्बियों और जहाजों को मार गिराने में भी किया जा सकता है।
⇒ इन विमानों को नौसेना की पश्चिमी कमान के तहत गोवा में रखा गया है।
अंतरिक्ष विज्ञान
परम गंगा
⇒ राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन ने 8 मार्च, 2022 को 1.66 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता के साथ आईआईटी रुड़की में एक सुपर कंप्यूटर ‘ परम गंगा’ को स्थापित किया है।
⇒ यह प्रणाली छैड की चरण-2 की निर्माण पहुंच के तहत सी-डैक द्वारा डिजाइन और चालू की गई है।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C52)
⇒ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 2022 के अपने पहले मिशन को 14 फरवरी, 2022 को लॉन्च किया। यह PSLVकी 54वीं उड़ान है।
⇒ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C52) 14 फरवरी को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया।
⇒ इसमें एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ( EOS-04) को ले जाया गया। PSLV-C52 का वजन 1710 किलोग्राम है।
⇒ यह EOS-04 के चारों ओर 529 किमी की सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करेगा।
⇒ यह मिशन दो छोटे उपग्रहों को सह- यात्रियों के रूप में ले जाएगा।
ब्रायम भारतीएंसिस : ‘काई’ की एक देशी प्रजाति
⇒ पंजाब के केंद्रीय विश्वविद्यालय के भारतीय ध्रुवीय जीवविज्ञानियों ने अंटार्कटिका में लारसेमैन हिल्स में ‘काई’ (Moss) की एक देशी प्रजाति की खोज की है।
⇒ भारत और भारतीय अंटार्कटिक स्टेशन ‘भारती’ के नाम पर इस प्रजाति का नाम ‘ब्रायम भारतीएसिस’ रखा गया है।
⇒ 1981 में शुरू हुए भारतीय अंटार्कटिक मिशन के चार दशकों में पहली बार किसी पादप प्रजाति की खोज की गई है।
डीप ओशन मिशन
⇒ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘डीप ओशन मिशन’ के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है।
⇒ यह मिशन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) द्वारा संसाधनों के लिए गहरे समुद्र का पता लगाने और महासागर संसाधनों के सतत उपयोग के लिए गहरे समुद्र में प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
⇒ 5 वर्षीय मिशन को चरणबद्ध तरीके से 4077 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लागू किया जाएगा। पहले चरण को 2021-2024 के दौरान 2823.4 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा किया जाएगा।
‘EnVision’ मिशन
⇒ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) अब शुक्र (Venus) का अध्ययन करने के लिए अपनी जांच विकसित कर रही है, ताकि ग्रह के आंतरिक कोर से ऊपरी वायुमंडल तक के समग्र दृश्य को देखा जा सके। ‘EnVision’ के रूप में डब किया गया मिशन संभवत: 2030 की शुरूआत में ग्रह पर लॉन्च किया जाएगा।
⇒ ESA की EnVision जांच यह निर्धारित करेगी कि सूर्य के रहने योग्य क्षेत्र में रहते हुए भी शुक्र और पृथ्वी इतने अलग तरीके से कैसे और क्यों विकसित हुए ।
नासा व इसरो में साझेदारी
⇒ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) जलवायु परिवर्तन और आपदा न्यूनीकरण से संबंधित प्रयासों को कम करने के लिए पृथ्वी प्रणाली वेधशाला नामक एक नई प्रणाली विकसित कर रही है।
⇒ नासा ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ भी साझेदारी की है, जो नासा- इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार ( NISAR) प्रदान करेगा।
⇒ वेधशाला के पहले मिशनों में से एक पथदर्शी के रूप में पृथ्वी की सतह में परिवर्तन को मापने के लिए NISAR दो रडार सिस्टम ले जाएगा।
चांद पर पानी की खोज के लिए पहला मोबाइल रोबोट
⇒ यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन 2023 में चंद्रमा पर पानी और अन्य संसाधनों की खोज करने की योजना बना रहा है।
⇒ अमेरिकी एजेंसी अपने आर्टेमिस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में चंद्रमा की सतह पर और नीचे बर्फ और अन्य संसाधनों की तलाश में 2023 के अंत में चंद्रमा पर अपना पहला मोबाइल रोबोट भेजने की योजना बना रही है।
महासागर अवलोकन उपग्रह हैयांग- 2D
⇒ चीन ने एक सभी – मौसम और चौबीसों घंटे गतिशील महासागर पर्यावरण निगरानी प्रणाली बनाने के अपने प्रयास के तहत एक नया महासागर-निगरानी उपग्रह सफलतापूर्वक कक्षा में भेजा, जो समुद्री आपदाओं पर प्रारंभिक चेतावनी प्रदान करेगा।
⇒ उपग्रह को लॉन्ग मार्च – 4B रॉकेट द्वारा उत्तर पश्चिमी चीन में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से हैयांग – 2D (HY-2D) उपग्रह ले जाने के लिए लॉन्च किया गया था।
⇒ HY-2D, HY-2B और HY – 2C उपग्रहों के साथ एक सभी मौसम और उच्च आवृत्ति और मध्यम और बड़े पैमाने की गतिशील महासागर पर्यावरण निगरानी प्रणाली का निर्माण करने के लिए एक नक्षत्र का निर्माण करेगा।
मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक उतरा चीन का पहला मार्स रोवर ‘झुरोंग’
⇒ चीन ने 15 मई, 2021 को लाल ग्रह पर अपना पहला मार्स रोवर ‘झू रोंग’ उतारने की उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल की। चीन ऐसा करने वाला दूसरा देश बन गया है।
⇒ अभी तक सिर्फ अमेरिका ही मंगल पर अपने रोवर को सफलतापूर्वक उतार सका है।
⇒ चीन का मार्स रोवर, जिसे चीनी पौराणिक कथाओं में एक प्राचीन अग्नि देवता के नाम पर झूरोंग कहा जाता है, एक फोल्डेबल रैंप को चलाकर लैंडर से अलग हो जाएगा। एक बार यह तैनात हो जाने के बाद रोवर के कम से कम 90 मार्स डे बिताने की उम्मीद है।
Spacex लॉन्च करेगा DOGE 1 मिशन टू मून
⇒ एलोन मस्क के स्वामित्व वाला SpaceX पहला वाणिज्यिक चंद्र पेलोड ‘DOGE-1 मिशन टू मून’ लॉन्च करने के लिए तैयार है, जिसका भुगतान पूरी तरह से क्रिप्टोकरेंसी डोजकॉइन में किया गया है।
⇒ इस उपग्रह का लॉन्च फाल्कन 9 रॉकेट पर 2022 की पहली तिमाही में करने के लिए निर्धारित किया गया है।
⇒ SpaceX DOGE-1 के नाम से बनाए गए 40 किलोग्राम के उपग्रह को फाल्कन 9 रॉकेट पर सवारी के रूप में ले जाएगा।
NEO- 01 क्लियर स्पेस डेब्रिस
⇒ चीन सरकार ने अपने लॉन्ग मार्च 6 रॉकेट पर पृथ्वी की कम कक्षा में ‘NEO-01’ नाम से एक रोबोट प्रोटोटाइप लॉन्च किया है।
⇒ 30 किलो के रोबोट प्रोटोटाइप को शेन्जेन स्थित अंतरिक्ष खनन स्टार्ट-अप ‘ओरिजिन स्पेस’ द्वारा विकसित किया गया है।
⇒ NEO-01 अन्य अंतरिक्ष यान द्वारा पीछे छोड़े गए मलबे को पकड़ने के लिए एक बड़े जाल का उपयोग करेगा और फिर अपने विद्युत प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करके इसे जला देगा |
गगनयान मिशन पर सहयोग के लिए फ्रांस के साथ समझौता
⇒ भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में सहयोग के लिए फ्रांस CNES की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
⇒ CNES फ्रांसीसी सुविधाओं पर भारतीय उड़ान चिकित्सकों और CAPCOM मिशन नियंत्रण टीमों को प्रशिक्षित करेगा।
⇒ अगस्त 2018 में गगनयान कक्षीय अंतरिक्ष यान परियोजना को बंद कर दिया गया था।
⇒ इसका उद्देश्य मूल रूप से 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए भारतीय भूमि से अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का था ।
SpaceX ने स्टारशिप SN.10 प्रोटोटाइप रॉकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
⇒ इलॉन मस्क के स्वामित्व वाली निजी रॉकेट कंपनी SpaceX ने दो असफल प्रयासों के बाद अपने स्टारशिप प्रोटोटाइप रॉकेट ‘SN10’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
⇒ SpaceX ने 10,000 किलोमीटर की ऊंचाई तक रॉकेट का प्रोटोटाइप लॉन्च किया और फिर वापस जमीन पर आ गया।
⇒ SN10 SpaceX के स्टारशिप मार्स रॉकेट का शुरूआती प्रोटोटाइप है, जिसका उद्देश्य लोगों और पेलोड को चंद्रमा, मंगल और अन्य
दूर के गंतव्यों तक पहुंचाना है।
ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ
⇒ आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (ARIES), नैनीताल के भारतीय वैज्ञानिकों ने एक कम लागत वाले ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ को देवस्थल फैंट ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ एंड कैमरा (ADFOSC) के रूप में डिजाइन और विकसित किया है।
⇒ यह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में 3.6m देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (डीओटी) पर स्थापित किया गया है।
पीएसएलवी-सी 51 का सफल प्रक्षेपण
⇒ 28 फरवरी, 2021 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) सी-51 का सफल प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से किया।
⇒ पीएसएलवी सी – 51 के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों का प्रक्षेपण हुआ। अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला उपग्रह है, जिसे भारत से प्रक्षेपित किया गया। यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (INPE) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है।
⇒ जिन अन्य 18 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया गया है उनमें से 4 उपग्रह इसरो के भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN – Space) और 14 उपग्रह इसरो की वाणिज्यिक इकाई न्यूस्पेस इंडिया लि. (NSIL) के हैं।
⇒ अब तक पीएसएलवी द्वारा 34 देशों के 342 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया जा चुका है।
आर्कटिक – मॉनिटरिंग सैटलाइट अर्कटिका – एम
⇒ रूसी अंतरिक्ष निगम रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) ने आर्कटिक की जलवायु और पर्यावरण की निगरानी के लिए अपना पहला उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
⇒ ‘अर्कटिका एम’ नामक उपग्रह को 28 फरवरी, 2021 को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से सोयूज – 2.1b वाहक रॉकेट पर लॉन्च किया गया था।
मंगल पर सफलतापूर्वक उतरा Perseverance रोवर
⇒ पृथ्वी से 292.5 मिलियन मील की यात्रा के बाद नासा का Perseverance रोवर सुरक्षित रूप से मंगल ग्रह पर उतरा । रोवर लगभग 300 मिलियन मील की यात्रा पर रहा है क्योंकि इसने 6 महीने पहले पृथ्वी को छोड़ दिया था।
⇒ महामारी के दौरान यात्रा के अंतिम चरणों की तैयारी की चुनौतियों पर काबू पाने के लिए Perseverance और उसकी टीमें नाममात्र तक रहती थीं।
शुक्र ग्रह पर ममाइक्रोबियलं जीवन के संकेत
⇒ 14 सितंबर, 2020 को खगोलविदों (Astronomers) ने शुक्र ग्रह (Venus) के बादलों में दुर्लभ अणु फॉस्फीन की उपस्थिति की घोषणा की।
⇒ इस खोज हेतु शोधकर्ताओं ने सर्वप्रथम हवाई, U.S.A. स्थित जेम्स क्लर्क मैक्सवेल टेलीस्कोप (JCMT) का प्रयोग किया।
⇒ खगोलविदों ने अपनी खोज के पुष्टिकरण हेतु चिली के Atacama Large Millimeter/Submillmeter Array (ALMA) का भी प्रयोग किया। इन दोनों ही उपकरणों द्वारा शुक्र ग्रह को 1 मिलीमीटर तरंग दैर्ध्य परास में देखा गया।
प्रौद्योगिकी
मानवरहित सबमर्सिबल ‘ हायदू – 1
⇒ चीन के मानवरहित सबमर्सिबल ‘ हायदू-1’ ने दुनिया के सबसे गहरे समुद्र बिंदु – ‘मारियाना ट्रेंच’ पर 10,907 मीटर की गहराई तक गोता लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
⇒ चीन के इस अभियान के दौरान भूगर्भीय वातावरण की हाई डेफिनिशन तस्वीरें और गहरे समुद्र से नमूने एकत्र किये गए।
⇒ इस अभियान के दौरान मानवरहित सबमर्सिबल ‘हायदू-1’ कुल चार बार मारियाना ट्रेंच में 10,000 मीटर से अधिक नीचे तक गया।
नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप
⇒ नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 25 दिसंबर, 2021 को दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गयाना स्थित कोरोऊ लॉन्च स्टेशन से एरियन-5 रॉकेट के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
⇒ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप को हमारे सौर मंडल से परे ब्रह्मांड और पृथ्वी जैसे ग्रहों की उत्पत्ति के रहस्यों की खोज करने के लिए कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
⇒ नासा के अनुसार यह ‘हबल टेलीस्कोप’ का उत्तराधिकारी है, जिसे वर्ष 1990 में पृथ्वी की निम्न कक्षा में लॉन्च किया गया था।
SpaceX का भारत में सहायक कंपनी का गठन
⇒ एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स ने स्थानीय ब्रॉडबैंड परिचालन शुरू करने के लिए 1 नवंबर, 2021 को भारत में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी का गठन किया।
⇒ इस सहायक कंपनी को SSCPL नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है ‘ स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड’ (Starlink Satellite Communications Private Limited) । इस कंपनी को 1 नवंबर, 2021 को गठित किया गया।
⇒ स्पेसएक्स की उपग्रह ब्रॉडबैंड शाखा स्टारलिंक (Starlink) का लक्ष्य दिसंबर, 2022 से भारत में ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करना है।
COVID-19 के इलाज हेतु दुनिया की पहली गोली
⇒ ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियामकों ने रोगसूचक COVID-19 के इलाज के लिए दुनिया की पहली गोली को मंजूरी दी।
⇒ Medicines and Healthcare Products Regulatory Agency ( MHRA) के अनुसार एंटीवायरल molnupiravir को हल्के से मध्यम COVID-19 वाले लोगों में अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया ।
नैनोस्नीफरः विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर
⇒ केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दुनिया का पहला माइक्रोसेन्सर आधारित विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर ( ETD ) लॉन्च किया, जिसे ‘नैनोस्नीफर’ कहा गया है।
⇒ ETD को नैनोस्नीफ टेक्नोलॉजी, एवं IIT बॉम्बे इनक्यूबेटेड स्टार्टअप द्वारा विकसित किया गया है।
⇒ इसका विपणन पूर्व IIT दिल्ली के स्टार्टअप क्रिटिकल सॉल्यूशंस के स्पिन ऑफ वीहंत टेक्नोलॉजीज द्वारा किया जा रहा है।
दुनिया का पहला संयुग्मित कोविड- 19 वैक्सीन
⇒ जुलाई 2021 में क्यूबा ने दुनिया का पहला संयुग्मित कोविड – 19 वैक्सीन ‘सोबराना 2’ विकसित किया।
⇒ सोबराना प्लस के बूस्टर शॉट के साथ सोबराना 2 वैक्सीन दिए जाने पर यह लक्षण वाले कोविड- 19 मामलों के खिलाफ 91% प्रभावी है।
⇒ अगर इस टीके को मंजूरी मिल जाती है, तो क्यूबा कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन बनाने और उत्पादन करने वाला पहला लैटिन अमेरिकी देश बन जाएगा।
स्वदेशी तापमान डेटा लॉगर AmbiTAG
⇒ पंजाब में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ (IIT रोपड़ ) ने अपनी तरह का पहला उपकरण, ‘एबीटैग’ विकसित किया है, जो खराब होने वाले उत्पादों, टीकों और यहां तक कि शरीर के अंगों और रक्त के परिवहन के दौरान वास्तविक समय परिवेश के तापमान को रिकॉर्ड करता है।
⇒ यह रिकॉर्ड किया गया तापमान यह जानने में और मदद करता है कि क्या दुनिया में कहीं से भी ले जाने वाली वह विशेष वस्तु अभी भी प्रयोग करने योग्य है या तापमान भिन्नता के कारण नष्ट हो गई है।
कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए स्मार्ट विंडो
⇒ IIT गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने एक ‘स्मार्ट विंडो ‘ सामग्री विकसित की है, जो एक लागू वोल्टेज से गर्मी और प्रकाश की मात्रा को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकती है।
⇒ यह सामग्री इमारतों में स्वचालित जलवायु नियंत्रण प्रणाली विकसित करने में मदद कर सकती है।
⇒ वैज्ञानिकों ने दावा किया कि ऐसी सामग्री इमारतों में कुशल स्वचालित जलवायु नियंत्रण प्रणाली विकसित करने में मदद कर सकती है। यह अध्ययन जर्नल- ‘सोलर एनर्जी मैटेरियल्स एंड सोलर सेल’ में प्रकाशित हुआ था।
⇒ IIT के इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर देवव्रत सिकदर और उनके शोध छात्र आशीष कुमार चौधरी ने इस तरह के लक्ष्य को प्राप्त करना आसान बना दिया है।
कोविड- 19 एंटीबॉडी डिटेक्शन किट ‘DIPCOVAN’
⇒ भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने Covid-19 एंटीबॉडी डिटेक्शन किट विकसित की है।
⇒ DIPCOVAN किट 97% की उच्च संवेदनशीलता के साथ कोरोनावायरस के स्पाइक्स के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन दोनों का पता लगा सकती है। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसे दिल्ली के वेंगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से डीआरडीओ के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज लैब द्वारा विकसित किया गया है।
⇒ DIPCOVAN का उद्देश्य मानव सीरम या प्लाज्मा में IgG एंटीबॉडी का गुणात्मक पता लगाना है, जो SARS-CoV-2 संबंधित एंटीजन को लक्षित करता है।
ईरान का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर ‘सीमोर्ग’
⇒ ईरान ने ‘सीमोर्ग’ नाम के एक नए सुपर कंप्यूटर का अनावरण किया है, जो देश के अब तक के पिछले सुपर कंप्यूटर से 100 गुना अधिक शक्तिशाली है।
⇒ सुपर कंप्यूटर को तेहरान के अमीरकबीर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। इसका नाम एक पौराणिक फीनिक्स जैसे पक्षी ‘सीमोर्ग के नाम पर रखा गया है। वर्तमान में सीमोर्ग की प्रदर्शन क्षमता 0.56 पेटाफ्लॉप्स है।
स्वदेशी मानचित्रण प्रदान करने हेतु इसरो- मैपमाईइंडिया में करार
⇒ 11 फरवरी, 2021 को देश के लिए स्वदेशी मानचित्रण समाधान की पेशकश करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एवं मैपमाईइंडिया के बीच एक समझौता हुआ।
⇒ इस सहयोग से आत्मनिर्भर – भारत को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए स्वदेशी मानचित्रण समाधान भी भरोसेमंद साबित होंगे। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप लोगों को अब भारत में Google Maps / Earth पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
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- CURRENT AFFAIRS SET – 12: 6. plan/project (योजना/परियोजना )
- Economic Events CURRENT AFFAIRS SET-11: 5.आर्थिकी घटनाक्रम
- Environment And Ecology CURRENT AFFAIRS SET – 10: 4: (पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी )
- CURRENT AFFAIRS SET – 9: 3. अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम ( international events )