Lucent Hindi Set – 17 Objective Question & Answer, LUCENT hindi set – 17

निर्देश: नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में अनुच्छेद के पहले और अंतिम भागों को क्रमशः (1) और (6) की संख्या दी गई है। इनके बीच में आने वाले चार वाक्य को (य), (२), (ल), (व) की संख्या दी गई है। ये चारों वाक्य उचित क्रम में नहीं हैं। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो ।

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1. (1) जीवन एक संघर्ष है ।

(य) असहाय स्थिति में भी संघर्ष में कूदा जा सकता है।
(र) मान लिया कि आपके पास साधनों का अभाव है, लेकिन आप तो हैं ।
(ल) भले ही आप कमजोर हैं, लेकिन विपदाओं से भिड़ने का, कुछ न कुछ करने का साहस तो आप में है ।
(ब) इस संघर्ष में अपने आपको असहाय समझना और संघर्ष से मुँह मोड़ लेना उचित नहीं है ।
( 6 ) यही बहुत है ।

(a) र ल व य
(b) य र व ल
(c) व य र ल
(d) य व ल र

  Answer :- (c) व य र ल  


2. (1) दहेज प्रथा का जन्म पुरानी सामाजिक प्रथाओं में ढूँढा जा सकता है ।

(य) उसे नई गृहस्थी बसानी होती है ।
(र) विवाह के बाद लड़की एक नए घर में जाती है ।
(ल) अपना नया घोंसला बनाने में उसे अधिक असुविधा न हो इसलिए उसे कुछ उपहार देने का रिवाज था ।
(व) उपहार में उसे गृहस्थी में काम आने वाली वस्तुएँ स्वेच्छा से दी जाती थीं, कोई बाध्यता नहीं होती थी ।
(6) पर धीरे-धीरे इसमें बुराइयाँ आती गईं ।

(a) य र ल व
(b) र य ल व
(c) र ल व य
(d) र व ल य

  Answer :- (b) र य ल व  


3. (1) शब्द और अर्थ को काव्य का शरीर कहा गया है । ये दोनों ही अभिन्न हैं ।

(य) शब्द के साथ अर्थ का लगाव है और अर्थ के साथ शब्द का ।
(र) इसी प्रकार शब्द के बिना अर्थ का मानव मस्तिष्क में कठिनाई से निर्वाह होता है ।
(ल) अर्थ के बिना शब्द का कोई मूल्य नहीं ।
(व) शब्द और अर्थ की एकता को पार्वती – परमेश्वर की एकता का उपमान बताकर कालिदास ने इस अटूट संबंध को महत्ता प्रदान की थी ।
(6) एक के बिना दूसरे की पूर्णता नहीं, इसलिए दोनों मिलकर ही काव्य का शरीरत्व सम्पादित करते हैं ।

(a) व र लय
(b) ल य र व
(c) य र व ल
(d) ल र व य

  Answer :-(d) ल र व य   


4. (1) आज हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में सम्मान प्राप्त है।

(य) न जाने कितनी समितियाँ और अकादमियाँ सक्रिय हैं ।
(र) समस्त विश्व के विविद्यालयों में हिन्दी विभाग खुल चुके हैं ।
(ल) हिन्दी भाषा और साहित्य को समस्त विश्व में प्रतिष्ठित करने वाले प्रशासनिक माध्यम कार्यरत हैं ।
(ब) उच्चस्तरीय हिन्दी अध्यापन की व्यवस्था के साथ ही शोध संस्थान भी गतिशील हैं ।
(6) फिर भी हिन्दी को वह सर्वोच्च स्थान प्राप्त नहीं है

(a) ल व र य
(b) व र ल य
(c) र य ल व
(d) लय र व

  Answer :-(b) व र ल य   


5. (1) महात्मा गाँधी के जीवन के मूल मंत्र थे – सत्य और अहिंसा ।

(य) उनकी आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ इसका प्रत्यक्षण उदाहरण है ।
(र) किसी प्रकार की हिंसा का आश्रय लेकर प्राप्त की गई स्वाधीनता भी उन्हें स्वीकार्य न थी ।
(ल) अहिंसा से उनका तात्पर्य था – मनसा, वाचा, कर्मणा अहिंसा ।
(व) सत्य के बिना वे एक कदम भी आगे बढ़ने को तौयार न थे ।
(6) वास्तव में, गाँधी को महामानव नहीं, देवाताओं की कोटि में रखा जाना चाहिए ।

(a) र ल व य
(b) व य ल र
(c) य व ल र
(d) ल र य व

  Answer :-(b) व य ल र   


6. (1) हमारा देश उत्सवों और त्योहारों का देश है ।

(य) ये त्योहार जनमानस में उल्लास जगाते हैं ।
(र) यहाँ अनेक त्योहार मनाए जाते हैं ।
(ल) समन्वय की भावना भी पैदा करते हैं ।
(व) लोगों में देशभक्ति और गौरव का भाव भरते हैं ।
(6) इन अवसरों पर सब मिलकर खुशियाँ मनाते हैं ।

(a) र ल व य
(b) र य व ल
(c) ल व य र
(d) व य र ल

  Answer :-(b) र य व ल 


7. (1) भारतीय साहित्य का आदर्श त्याग और उत्सर्ग है ।

(य) किसी राष्ट्र की सबसे मूल्यवान सम्पत्ति उसके साहित्यिक आदर्श होते हैं।
(र) भारतीय स्वयं को उस समय कृतकार्य समझता है, जब वह माया बंधन से मुक्त हो जाता है ।
(ल) यूरोप का कोई व्यक्ति लखपति होकर और ऊँची सोसाइटी में मिलकर स्वयं को कृतकार्य समझता है ।
(व) जब उसमें भोग और अधिकार का मोह नहीं रहता ।
(6) व्यास और वाल्मीकि के आदर्श आज भी भारत का सिर ऊँचा किए हुए हैं ।

(a) य र व ल
(b) य ल र व
(c) र व ल य
(d) ल र व य

  Answer :- (c) र व ल य  


8. (1) आज विज्ञान मनुष्यों के हाथों में अद्भुत और अतुल शक्ति दे रहा है ।

(य) इसलिए हमें उस भावना को जागृत रखना है और उसे जागृत रखने के लिए कुछ ऐसे साधनों को भी हाथ में रखना होगा जो उस अहिंसात्मक त्याग-भावना को प्रोत्साहित करें और भोग – भावना को दबाए रखें ।
(र) नैतिक अंकुश के बिना शक्ति मानव के लिए हितकर नहीं होती ।
(ल) उसका उपयोग एक ओर व्यक्ति और समूह के उत्कर्ष में और दूसरी ओर व्यक्ति और समूह के गिराने में होता रहेगा ।
(व) वह नैतिक अंकुश चेतना या भावना ही दे सकती है ।
(6) वही उस शक्ति को परिमित भी कर सकती है और उसके उपयोग को नियंत्रित भी ।

(a) य र व ल
(b) य ल र व
(c) र य ल व
(d) ल य र व

  Answer :-(d) ल य र व   


9. (1) मनुष्य स्वभाव से देव-तुल्य है ।

(य) जमाने के छल-प्रपंच और परिस्थितियों के वशीभूत होकर वह अपना देवत्व खो बैठता है ।
(र) हमारी सभ्यता साहित्य पर ही आधारित है ।
(ल) साहित्य इसी देवत्व को अपने स्थान पर प्रतिष्ठित करने की चेष्टा करता है । हैं ।
(व) हम जो कुछ भी हैं, साहित्य के ही बनाए हुए
(6) किसी भी राष्ट्र की आत्मा की प्रतिध्वनि होती है- साहित् य ।

(a) य ल व र
(b) य ल र व
(c) र व य ल
(d) व र य ल

  Answer :- (a) य ल व र  


10. (1) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल गंभीर विचारक थे ।

(य) परिणामतः उन्होंने अपने निबंधों में जिस भी विषय को उठाया, उसके नए आयामों का उद्घाटन किया ।
(र) उन्होंने अपने निबंधों में इन तीनों का समंजित रूप में उपयोग किया ।
(ल) उनका अध्ययन गहन और विस्तृत था ।
(व) उनका जीवन का अनुभव और निरीक्षण भी ठोस था ।
(6) ‘भाव या मनोविकार’ निबंध इसका स्पष्ट प्रमाण है ।

(a) ल व र य
(b) व ल र य
(c) य व ल र
(d) य ल व र

  Answer :-(a) ल व र य   


11. (1) अनुभूति के द्वंद्व ही से प्राणी के जीवन का आरंभ होता है ।

(य) पेट का भरा या खाली रहना ही ऐसी अनुभूति के लिए पर्याप्त होता है ।
(र) बच्चे के छोटे से हृदय में पहले सुख और दुःख की सामान्य अनुभूति भरने के लिए जगह होती है ।
(ल) जीवन के आरंभ में इन्हीं दोनों के चिह्न हँसना और रोना देखे जाते हैं ।
(व) उच्च प्राणी मनुष्य भी केवल एक जोड़ी अनुभूति लेकर इस संसार में आता है ।
(6) पर ये अनुभूतियाँ बिल्कुल सामान्य रूप से रहती है, विशेष – विशेष विषयों की ओर विशेष – विशेष रूपों में ज्ञानपूर्वक उन्मुख नहीं होती ।

(a) ल र य व
(b) व र य ल
(c) ल य र व
(d) य ल र व

  Answer :- (b) व र य ल 


12. (1) सांस्कृतिक वैविध्य के बारे में सोचना होगा ।

(य) इसे चिन्तन के स्तर पर देखा जा सकता है ।
(र) संस्कृति के अन्तर्तम में अनेक समानाताएँ हैं ।
(ल) यही विविधता में एकता है ।
(व) यह हमें अलग-अलग नहीं बनाती ।
(6) यह हमारी एक बड़ी शक्ति है ।

(a) व र य ल
(b) व ल र य
(c) र व ल य
(d) य व र ल

  Answer :- (a) व र य ल  


13. (1) फिर मैं सोचने लगा- अतीत क्या चला ही गया ?

(य) मैं किसी तरह विश्वास नहीं कर सका कि अतीत एकदम उठ गया है।
(र) अपने पीछे क्या हम एक विशाल शून्य मरुभूमि छोड़ते जा रहे हैं ?
(ल) कहाँ जाएगा वह ?
(व) आज जो कुछ हम कर रहे हैं, कल क्या यह सब लोप हो जाएगा ?
(6) मुझे क्षिप्रा की लोल तरंगों पर बैठे कालिदास स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं; अतीत कहीं गया नहीं है, वह मेरी रग-रग में सुप्त है ।

(a) य ल व र
(b) ल य व र
(c) र व ल य
(d) य र व ल

  Answer :- (c) र व ल य  

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